मस्जिद किला काेहो ना
दिल्ली के पुराने किले में एक खूबसूरत मस्जिद मौजूद है जिसको मस्जिद किला काेहोना कहा जाता है इस मस्जिद को 1541 में शेरशाह सूरी ने तामीर करवाया था यह तामीरी एतबार से काफी दिलकश मस्जिद है
पुराने किले की यह मस्जिद तकरीबन 15 मीटर चौड़ी और साडे 51 मीटर लंबी है इस में तकरीबन 800 अफराध के नमाज अदा करने की गुंजाइश है इस मस्जिद में 5 दरवाजे हैं हर दरवाजा अपने तौर पर मस्जिद के खूबसूरत और आलीशान हाल में खुलते है
लेकिन अब जो हाल है वह यह है के मस्जिद की इमारत रफ्ता रफ्ता खत्म होती जा रही है मरम्मत की सख्त जरूरत है सारे गंदे कामों की इजाजत है अगर इजाजत नहीं है तो सिर्फ नमाज की नहीं है सिक्योरिटी के अफराध
भी तासूब पसंद है ऐसा महसूस होता है कि उन्हें ऊपर से खामोश हिदायत है कि किसी भी सूरत में नमाज पढ़ने नहीं देना है सिक्योरिटी वाले टूरिस्ट और आम लोगों को जूते चप्पल पहन कर आने से मना नहीं करते पुराने किले की सबसे ज्यादा खूबसूरत इमारत जामा मस्जिद है जिसको आज मस्जिदे कोहना कहा जाता
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https://youtu.be/e-a_rdpsGDI
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